kantilaldeugi

My Name Is Kanti Deugi And This Is My Official Blogger Websit And My Websit Name Is kantilaldeugi.blogspot.com

Pages

हमारा भ्रम, Hamara Bhram

हमारा भ्रम
 Hamara Bhram

हमारा भ्रम, Hamara Bhram

  रामायण में, रावण सीता मया  को उठाकर  लंका में ले जाने के बाद  एक दिन, ऐशो वाटिका में जब रावण क्रोधित हो गया और सीता माता को तलवार से मारने के लिए दौड़ा, तो हनुमानजी को लगा कि रावण से तलवार छीनकर, उसे मार दिया जाना चाहिए। लेकिन उसी समय मंदोदरी ने रावण का हाथ पकड़कर उसे रोक दिया। हनुमानजी इस दृश्य को देखकर बहुत खुश हुए। लेकिन हनुमानजी सोचने लगे कि अगर मैं सीता माता के बचाव में गया होता, तो मुझे यह भ्रम होता कि यदि मैं नहीं होता, तो आज सीता माता का क्या होता? उन्हें बचाने के लिए कौन आगे आएगा? तो इसी तरह से हमें अक्सर यह भ्रम होता है कि अगर मे यहा नहीं होता, तो क्या होता, लेकिन ए हमारा भ्रम होता?

 जब भगवान ने रावण की पत्नी मंदोदरी को सीताजी को बचाने का काम सौंपा, तो हनुमानजी समझ गए कि प्रभु जो काम करना चाहते हैं, वह उनके द्वारा किया गया था। भगवान की मर्जी के बिना कोई काम नहीं होता है, तो हनुमानजी को भी पता चलता है कि हमारे बिना भी सब कुछ संभव है, हम सिर्फ निमित हैं।

हमारा भ्रम, Hamara Bhram

 इसीलिए हमेशा याद रखें कि इस दुनिया में जो कुछ भी होता है वह क्रम से होता है। आप और मैं ही इसके लायक हैं। इसीलिए मानव को कभी इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि अगर मैं वहां नहीं होता तो क्या होता, अगर मैं नहीं होता तो क्या होता? अगर हम उस जगह पर नहीं हैं तो भगवान इसके बजाय किसी और को भेस्देते है। हमें समझना होगा कि किसी के बिना कुछ रुकता नहीं

 इस में केवल ये याद रखना चाहिए कि हमें किसी भी भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि यह केवल तभी संभव है जब मैं हूं, और अगर मैं नहीं हूं तो क्या होगा, भगवान ने हर  कार्य के लिए सभी को  बनाया गया है

|| जय श्री राम ||

 This Is My Official Blogger Apps kantilaldeugi App : DOWNLOAD 


Previous
Next Post »